रक्त विकार
रक्त£ विकार दूर करने में अरवी बहुत उपयोगी है। अरवी दस्तों को रोकती है, रक्त£पित्त को दूर करती है तथा वायु का प्रकोप शांत करती है। इसके सेवन से पुरु£षों में धातु-वृद्घि होती है।
1 रक्त£-पित्त के विकार शांत करने के लिए टमाटर के रस में शहद तथा उतना ही ताजा पानी मिलाकर नियमित कु छ सप्ताह तक सेवन करना चाहिए। इससे रक्त£पित्त के विकार दूर होते हैं। टमाटर का रस यकृ£त को शक्ति£ प्रदान करता है और उसे अधिक सक्रि£य बनाता है।
रक्त-विकार से होने वाली गर्मी बहुत बैचेन कर देती है। इसके उपचार के लिए दो तोले आंवले के रस में दो तोले मिश्री मिलाकर पीडि़त व्यक्ति£ को पिलाना चाहिए। इससे खून का उबाल शंात पडऩे लगता है। इसका सेवन तब तक जारी रखें जब तक पूरी तरह चैन और ठंडक न पड़ जाये।
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