गठिया
गठिया के रोगी को शहद भरपूर मात्रा में देने से उसे अतिरिक्त£ शक्ति£ मिलती हैं। गर्म पानी में दस ग्राम शहद घोलकर गठिया रोगी को पिलाते रहिये। उसमें कागजी नींबू की भी पांच सात बंूदें मिला दीजिये ताकि कच्चे रस पचने लगें और खून भी सही तथा शुद्घ रूप से बनें। गठिया रोगी को उसमें पच्चीस ग्राम सरसों के तेल को आग पर इतना तपाएं कि खौलने लगे फिर उसमें दस ग्राम नीम की कोंपलें डालकर काली पडऩे दें, पर जलने से पहले ही उतार लें। तेल छानकर गुनगुना करें और गठिया पीडि़त अंगों पर मालिश करें।
गठिया के उपचार के लिए बकायन के बीज पीसकर दो ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ फं£की लें। नीम के कोंपल, स्वणक्षीरी का पंचांग, अमरबेल, मकोय के पत्ते और सँभालू के पत्ते दस ग्राम की मात्रा में लेकर पीसें। सौ ग्राम गौ मूत्र में भरकर छान लें। इसकी मालिश से भी गठिया में बहुत लाभ होता है।
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